Saturday, August 5, 2017

फर्रुखाबाद : मेला रामनगरिया

मेला रामनगरिया
मेला रामनगरिया प्रवेश द्वार
फर्रुखाबाद में पांचाल घाट (घटियाघाट) पर हर वर्ष लगने वाला मेला रामनगरिया प्रदेश के प्रसिद्ध मेलों में से एक महत्त्वपूर्ण मेला माना जाता है। देश के विभिन्न शहरों से आये लोग यहाँ एक माह के प्रवास हेतु आते है व गंगा किनारे तम्बू लगा कल्पवास करते है। ऐसा माना जाता है कि कल्पवास करने से वस्तुतः साधक का कायाकल्प हो जाता है। मनसा, वाचा, कर्मणा व पवित्रता के बिना कल्पवास निश्फल हो जाता है। इसीलिए कल्पवास के लिए 21 कठोर नियम बताए गये है। जिनमें झूठ न बोलना, क्रोध न करना, दान करना, नशा न करना, सूर्योदय से पूर्व उठना, नित्य प्रात: संगम स्नान, एक समय भोजन व भूमि पर शयन मुख्य है। प्रत्येक वर्ष लगभग बीस हजार लोग कल्पवास के लिये यहाँ आते है। कम से कम पाँच लाख लोग विभिन्न गंगा स्नानों में डुबकी लगाने आते है। बच्चों के मनोरंजन के लिये सर्कस, नौटंकी, मौत का कुआँ आदि अनेकों खेल आकर्षण का केंद्र होते है। ग्रामीण बाजार लगाया जाता है जिसमें हर आवश्यक वस्तु मिलती है। रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये स्टेज बनाई जाती है जिसमें विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थागत कार्यक्रम संचालित होते है। कवि सम्मेलन व मुशायरे का भी आयोजन होता है। कुम्भ की तरह यहाँ भी साधू संत अपने अखाड़ो के साथ आते है। पंडाल लगते है जिनमें धार्मिक प्रवचन सुन श्रोता भाव विभोर हो जाते है। सरकारी ईलाज की फ्री व्यवस्था के साथ सरकारी राशन की दूकानों पर अनाज आदि बाँटने की समुचित व्यवस्था होती है। सरकारी संरक्षण की स्थिति में मेला रामनगरिया फर्रुखाबाद की सांस्कृतिक धरोहर है।
--
मोहम्मद आकिब खांन (सोशल एक्टिविस्ट)
कुबेरपुर, कायमगंज, फर्रुखाबाद (उ०प्र०)

नोट:- पोस्ट कॉपी करने से पूर्व इस मो० +91- 9044441004 तथा ईमेल aqibfarrukhabadi@gmail.com पर संपर्क कर अनुमति लें और कॉपी करने पर इस पेज का नाम अवश्य लिखें

No comments:

Post a Comment